Ghazals बेवफा के लिए वफ़ा सा हूँ By Dr.shabab Aalam - September 21, 2021 0 123 बेवफा के लिए वफ़ा सा हूँ, इसलिए खुद से भी ख़फ़ा सा हूँ। मैं दवा हूँ तो ही तो कड़वा हूँ, मीठा हो जाऊं तो बद्दुआ सा हूँ। धीरे-धीरे हुआ है रंग फीका, जैसे हाथों की मैं हिना सा हूँ। मुझको रहबर बना के साथ चलो, मैं मुसाफिर का तजुर्बा सा हूँ। अली जी Share this...FacebookPinterestTwitterLinkedinemail